लखनऊ उत्तर प्रदेश विधानसभा में 18 फरवरी 2025 को एक ऐतिहासिक पहल की गई, जिसके तहत अब हिंदी के साथ-साथ अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अंग्रेजी भाषाओं में भी कार्यवाही कही-सुनी जा सकती है।
इस पहल के बाद, कई विधायकों ने अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में भाषण दिए। उदाहरण के लिए, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ब्रज भाषा में अपनी बात रखी, जबकि केतकी सिंह ने भोजपुरी में अपनी राय प्रस्तुत की।
इस नई व्यवस्था के तहत विधानसभा की कार्यवाही में अंग्रेजी भाषा के उपयोग पर समाजवादी पार्टी ने विरोध जताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का दोहरा चरित्र है; वे अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन दूसरों के बच्चों के लिए उर्दू की वकालत करते हैं।
उत्तर प्रदेश विधान सभा में अंग्रेजी में अपने संबोधन के दौरान, सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने विपक्ष द्वारा अंग्रेजी भाषा के विरोध को गलत ठहराते हुए कहा कि अंग्रेजी वैश्विक शिक्षा और रोजगार के लिए एक महत्वपूर्ण सेतु है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी में दक्षता प्राप्त करने से युवाओं को बेहतर नौकरियां, अधिक वेतन और विश्व की शीर्ष विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने बजट में डिजिटल साक्षरता को दिए गए महत्वपूर्ण स्थान की सराहना की। उन्होंने कहा कि 18,000 से अधिक स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं और 880 स्कूलों में आईसीटी (ICT) लैब्स स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा, 49 लाख टैबलेट्स का वितरण एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे प्रदेश का युवा डिजिटल भविष्य के लिए तैयार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि स्वामी विवेकानंद योजना के तहत 2 करोड़ टैबलेट्स वितरित किए जाएंगे, जिससे प्रदेश के युवा डिजिटल रूप से सशक्त बनेंगे।
डॉ. सिंह ने युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर बात करते हुए कहा कि 2030 तक 8.5 करोड़ वर्तमान नौकरियां समाप्त हो जाएंगी, लेकिन 9.5 करोड़ नई नौकरियां डिजिटल अर्थव्यवस्था में उपलब्ध होंगी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ब्लॉकचेन, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में रोजगार की भारी संभावनाएं हैं और युवाओं को डिजिटल कौशल से लैस करना अत्यंत आवश्यक है।
अपने भाषण के अंत में, डॉ. सिंह ने दोहराया कि तकनीक जाति-निरपेक्ष और लिंग-निरपेक्ष होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें अपने बच्चों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना चाहिए, उनका चरित्र निर्माण करना चाहिए और उन्हें भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करना चाहिए, न कि उन्हें जातिगत राजनीति में उलझाना चाहिए।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना जी द्वारा प्रस्तुत बजट और श्री शलभ मणि त्रिपाठी जी द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह बजट उत्तर प्रदेश की अविरत प्रगति की घोषणा है। उन्होंने इसे राज्य के भविष्य को मजबूत करने वाला एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम बताया।
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